तहरो के काटब
छुरी धरs हई चूड़ी के हाथे
धनी हो सब धन तहरे नु बाटे
भाभी हो सब धन तहरे नु बाटे
धनी हो सब धन तहरे नु बाटे
भाभी हो सब धन तहरे नु बाटे
चुप चाप खा
कवन करम हम कईनी हो भईनी पवने के
भईल बा बियाह ना ले अईनी बलाते
Dhani Ho Sab Dhan - Pawan Singh & Shivani Singh (Bhojpuri Lyrics)
"धनी हो सब धन" एक लोकप्रिय भोजपुरी गीत है, जिसे पवन सिंह और शिवानी सिंह ने गाया है। इस गाने के बोल अशुतोष तिवारी ने लिखे हैं और संगीत प्रियांशु सिंह ने दिया है。 यह गीत पति-पत्नी के बीच की नोकझोंक और प्रेम को दर्शाता है, जिसमें घरेलू जीवन की छोटी-छोटी बातों को मजाकिया अंदाज में प्रस्तुत किया गया है।
गाने की शुरुआत में, पत्नी कहती है कि वह थाली लेकर सब्जी खोज रही है, लेकिन दिल के अंदर आग लग जाती है। वह कहती है कि काम करने से वह काली हो गई है और अब वह अपने ससुराल में रह रही है। पति उसे शांत करने की कोशिश करता है, लेकिन वह कहती है कि छोटी-छोटी बातों पर वह उसे डांटता है। वह कहती है कि "धनी हो, सब धन तहरे नु बाटे," यानी कि सारी संपत्ति उसके पास ही है।
गाने में आगे, पत्नी कहती है कि वह गुस्से में आटा गूंथ रही है और पति के प्यार को अचार की तरह खट्टा बना रही है। वह कहती है कि बेलन से वह परेशान हो गई है और दुख सहने से उसे प्याज की तरह लग रहा है। पति उसे समझाने की कोशिश करता है, लेकिन वह कहती है कि वह चूड़ी के हाथों में छुरी पकड़ रही है।
गाने के अंत में, पत्नी कहती है कि पति दाल में चीनी डालकर उसे खाने के लिए कहता है, लेकिन वह गुस्से में उसे घूंसा मारने की धमकी देती है। वह कहती है कि वह खुद से खाना बना लेगी और सोचती है कि बिना शादी के ही रहना बेहतर होता। पति उसे समझाने की कोशिश करता है, लेकिन वह कहती है कि शादी हो गई है, लेकिन वह उसे बुलाने नहीं आया। वह कहती है कि वह भी बारात में गई थी, लेकिन फिर भी सारी संपत्ति उसके पास ही है।
कुल मिलाकर, "धनी हो सब धन" एक मजेदार और मनोरंजक भोजपुरी गीत है, जो पति-पत्नी के बीच की नोकझोंक और प्रेम को दर्शाता है। पवन सिंह और शिवानी सिंह की आवाज़ में यह गीत श्रोताओं को आकर्षित कर रहा है।
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